बाघ
गौं मा
जंगळुं मा मनखि
ढुक्यां छन रात-दिन
डन्ना छन घौर-बौण द्वी
ढुक्यां छन रात-दिन
डन्ना छन घौर-बौण द्वी
लुछणान् एक हैंका से आज-भोळ
अपणा घौरूं मा ज्यूंद रौण कू संघर्ष
आखिर कब तक चाटणा, मौळौणा रौला अपणा घौ
क्य ह्वे सकुलु कबि पंचैती फैसला केरधार का वास्ता
Copyright@ Dhanesh Kothari