गढ़वाली की आदिकाव्य शैली

गढवाली भाषा का आदिकाव्य (Prilimitive Poetry) बाजूबंद काव्य है जो की दुनिया की किसी भी भाषा कविता क्षेत्र में लघुतम रूप की कविताएँ हैं। ये कविताएँ दो पदों की होती हैं जिसमें प्रथम पद निरर्थक होता है पट मिलाने के निहित प्रयोग होता है द्वितीय चरण सार्थक व सार्ग्वित होता है। गढवाली काव्य की यह अपनी विशेषता लिए विशिष्ठ काव्य शैली है बाजूबंद काव्य अन्य लोक गीतों के प्रकार और कवित्व में भी गढ़वाली भाषा किसी भी बड़ी भाषा के अनुसार वृहद रूप वाली है, सभी प्रकार के छंद, कवित्व शैली गढवाली लोकगीतों में मिलता है। 
@Bhishma Kukreti