उत्तराखण्ड बणौंण हमुन् ~ BOL PAHADI

02 October, 2010

उत्तराखण्ड बणौंण हमुन्

अब कैकू नि रोण हमुन
उत्तराखण्ड बणौंण हमुन

उजाड़ कुड़ि पुंगड़्यों तैं
उदास अळ्सी मुखड़्यों तैं
फूल अरोंगि पंखड़्यों तैं
पित्तुन पकीं ज्युकड़्यों तैं
अब कै धै नि लगौण हमुन

रगदा बगदा पाणि तैं
सैंति समाळी जवानि तैं
खर्री खोटी चवानि तैं
बेकार बैठीं ज्वानि तैं
सुदि मुदी नि गवौंण हमुन

कागजुं मा भोर्यां विकास तैं
झूठी सौं अर आस तैं
खणकि जल्मदा विश्वास तैं
बथौं मा छोड़ीं श्वास तैं
धोरा धरम नि लौंण हमुन

पंच पर्याग बदरी केदार तैं
गंगा जमुना कि धार तैं
पंवड़ा जैंति जागर तैं
थौळ् कौथिग त्योहार तैं
द्यो द्यब्तौं जगौंण हमुन

माधो चंदर गबर तैं
सुमन सकलानी वीर तैं
दादा दौलत भरदारी तैं
तीलू रामी सी नारी तैं
अफ्वु मा इना ख्वज्यौण हमुन













Source : Jyundal (A Collection of Garhwali Poems)
Copyright@ Dhanesh Kothari

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