कवि श्री कन्हैयालाल डंडरियाल खरड़ी डांडी पुन्गड़ी लाल धरती को मुकुट भारत को भाल हमरु गढ़वाल यखै संस्कृति - गिंदडु, भुजयलु, ग्यगुडू, गड्याल। सांस्कृतिक सम्मेलन - अठवाड़। महान बलि - नारायण बलि। तकनीशियन - जन्द्रों सल्ली। दानुम दान - मुकदान। बच्यूं - निरभगी, मवरयूं - भग्यान। परोपकारी - बेटयूं को परवाण। विद्वान - जु गणत के जाण। नेता - जैन सैणों गोर भ्यालम हकाण। समाज सुधारक - जैन छन्यू बैठी दारू बणाण। बडू आदिम - जु बादीण नचाव। श्रद्धापात्र - बुराली, बाघ अर चुड़ाव। मार्गदर्शक - बक्या। मान सम्मान - सिरी, फट्टी, रान। दर्शन - सैद, मशाण, परी, हन्त्या। उपचार - कण्डली टैर, जागरदार मैर, लाल पिंगली सैर। खोज - बुजिना। शोध - सुपिना। उपज - भट्ट अर भंगुलो। योजना - कैकी मौ फुकलो। उद्योग - जागर, साबर, पतड़ी। जीवन - यख बटे वख तैं टिपड़ी। व्यंजन - खूंतड़ों अर बाड़ी। कारिज - ब्या, बर्शी, सप्ताह। प्रीतिभोज - बखरी अर बोतल। पंचैत - कल्यो की कंडी, भाते तौली। राष्ट्रीय पदक - अग्यल पट्टा, पिन्सन पट्टा, कुकर फट्टा। बचपन - कोठयूं मा। जवनी