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तन के भूगोल से परे

क्योंकि दिल्ली से ‘हिमालय’ नहीं दिखता

उत्तराखंड में राजनीतिक महत्वाकांक्षा का फ्रंट !

ग़ज़ल (गढ़वाली)

उत्तराखंड में पारंपरिक बीज भंडारण विधियां और उपकरण

जैसे को तैसा

मन की बात... बबड़ाणु रांदू । Garhwali Ghazal । Vijay Sailani । Jahmohan Bisht । #bol pahadi

जहां आज भी धान कुटती हैं परियां

हमें सोचना तो होगा...!!

नई इबारत का वक्त

बारहनाजा : पर्वतजनों के पूर्वजों की सोच की उपज

हमरु गढ़वाल