१
बणिगे डाम
लगिगे घाम
प्वड़िगे डाम
मिलिगेन दाम
२
सिद्ध विद़द
खिद्वा गिद्ध
उतरिगेन लांकि मान
३
सैंन्वार खत्म
सीढ़ी शुरू
उकाळ उंदार
घुम कटै
४
जुल्म संघर्ष
हर्ष विमर्श
समैगे अब समौ
५
स्वाद स्याणि
तिलक छींटू
पाणि पाणि
हे राम
६
ब्याळी आज
आज भोळ
डुब डुब
मिलिगे दाम
Source : Jyundal (A Collection of Garhwali Poems)
Copyright@ Dhanesh Kothari
बणिगे डाम
लगिगे घाम
प्वड़िगे डाम
मिलिगेन दाम
२
सिद्ध विद़द
खिद्वा गिद्ध
उतरिगेन लांकि मान
३
सैंन्वार खत्म
सीढ़ी शुरू
उकाळ उंदार
घुम कटै
४
जुल्म संघर्ष
हर्ष विमर्श
समैगे अब समौ
५
स्वाद स्याणि
तिलक छींटू
पाणि पाणि
हे राम
६
ब्याळी आज
आज भोळ
डुब डुब
मिलिगे दाम
Source : Jyundal (A Collection of Garhwali Poems)
Copyright@ Dhanesh Kothari