गढ़वाली भाषा का शब्द वैभव ~ BOL PAHADI

18 August, 2019

गढ़वाली भाषा का शब्द वैभव

संकलन- नवीन नौटियाल //
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गढ़वाल को 'मध्य हिमालय' के नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में इस 'मध्य हिमालयी' क्षेत्र में कोल, भील, किरात, नाग, आर्य, द्रविड़ आदि अनेक जातियों का निवास रहा है। वर्तमान समय में प्रचलित गढ़वाली भाषा पर इन जातियों के शब्दों का प्रभाव आसानी से देखा जा सकता है।


● खस जाति से आए शब्द –
नखरु, बेड़, बुजण, बूखु, बेथ, बैंदार, लैंदु आदि।

● तिब्बती-बर्मी समुदाय से आए शब्द –
पंखी, फंचि/फंचु. अंगड़ि, गौथ, चराण, उस्ययूँ आदि।

● आस्त्रिक मूल के शब्द –
कपाळ, बोई, दाड़िम, छेमी, टिमरु, बेडू, रिंगाळ आदि।

● मुंडा जाति  से आए शब्द –
गाड/गाड़, दिदा, ढुंगु, थोरुडु, ढांग आदि।

● नाग जाति से आए शब्द –
नागनाथ, नागणी, नागपुर आदि।

● किरात जाति से आए शब्द –
सितोनस्यूँ, गगवाड़स्यूँ, खत्यूं, बिग्ड्यूं, महासू, धरासू, झंगोरा, काफळ आदि।

● संस्कृत भाषा से आए शब्द –
दूण, माणु, पाथु, पोरु, परार, परसि, परस्यों, सट्टि, क्वादु/कोदु, आदु, दथुडु आदि।

● तद्भव शब्द –
अखोड़, कंदूड़, औतु, उणदु, काख. घुंडु, घीण, तीस, नौण, संगुडु आदि।

● प्राकृत मूल के शब्द –
लुकणु, भोळ, पौणु, उब्ब, बौड़ि, जोन, सिंगणु आदि।

● अपभ्रंश मूल के शब्द –
माटु, नौळी, ज्वान, पुथड़ो, छैल, चौक, लिसू, स्वाळी, चौकलु आदि।

● पाली मूल के शब्द –
गरु, खुद आदि।

● गुजराती और मारवाड़ी के प्रभाव वाले शब्द –
अग्यार, बार, तैर, चौद, पंदर, अठार आदि।

● राजस्थानी के प्रभाव वाले शब्द –
किवाड़, हिरण, सपूत, कपूत, डाकण, आछरी, घोल, पाणी, बैण, हिटण आदि।

● अरबी-फ़ारसी के प्रभाव वाले शब्द –
जगा, जनानि, जैदाद, दसकत, बैम, सौलियत आदि।

● अंग्रेजी प्रभाव वाले शब्द-
लालटेन, फुटबौल, पिनसन, डरैबर, पलटन, इस्कूल, मास्टर आदि।

● तमिल से आए शब्द –
चंड/चंडि, छानी, कोट, हुड़को, ओडु, ब्वे, कुड़ी आदि।

● कन्नड़ से आए शब्द –
संटाण, भुक्कि, गुंडु, खज्जि, खाड, घुटकि/घुटगि, काँठो आदि।

● तेलुगु से आए शब्द –
बिसौंण, रांड, बाटो/बाठु, गड्डी, पुटगु/प्वटुगु, कणखिला, कुटलु आदि।


स्रोत:-
1. गढ़वाली भाषा और उसका लोकसाहित्य - डॉ. जनार्दन प्रसाद काला
2. उत्तराखंड की लोकभाषाएँ : गढ़वाली/कुमाऊँनी/जौनसारी - डॉ. अचलानंद जखमोला
3. गढ़वाली - केशवदत्त रुवाली
4. भारतीय संस्कृति का संदर्भ: मध्य हिमालय - डॉ. गोविंद चातक
5. गढ़वाली भाषा के अनालोचित पक्ष - डॉ. अचलानंद जखमोला

संकलन- नवीन नौटियाल
Photo 1- Google

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