मारियो वार्गास ल्योसा की कृति ‘किस्सागो’ का परिचय

https://www.bolpahadi.in/2020/04/blog-post-introduction-mario-vargas-lyosa-novel.html

  •  ● डॉ. अतुल शर्मा


    ‘किस्सागो’ मारियो वार्गास ल्योसा का महत्वपूर्ण उपन्यास लातिन अमरीकी देश ‘पेरु’ के आदिवासियों पर आधारित है। आधुनिक विकास और नदी, पर्वत, सूरज, चांद, दुष्ट आत्माओं; की एक के बाद एक निकलती कथाओं का सिलसिला है। विषम परिस्थितियों से जूझते और बार-बार स्थानांतरित होने को विवश बंटे हुए माचीग्वेरा समाज को जोड़ने वाली कड़ी है- ‘किस्सागो’ यानि ‘आब्लादोर उपन्यासकार एक किरदार के रुप में उपस्थित है।’ आदिवासी जीवन पर केन्द्रित होने के नाते उपन्यास में बीसियों पेड़, पौधे, पशु, पक्षी, नदियों, पहाड़ों, देवताओं, दानवो के नाम आते हैं।

    उपन्यास में कथाओं का सिलसिला जारी रहता है। एक जगह वे लिखते हैं- ‘चिन्ता मत करो किस्सागो! अगर ऐसा ही है तो जीवन बदल डालो। एक जगह ठहर कर अपना परिवार बसा लो अपनी झोपड़ी बनाओ, जंगल साफ करो और अपने खेतों की देखभाल करो। तुम्हारे बच्चे हो जाएंगे। भटकते हुए किस्सागो का जीवन छोड़ दो।’ वे आगे चलकर कहते हैं- ‘तुम उस औरत को अपना सकते हो जो शान्त और समझदार है। वह तुम्हारी मदद करेगी रसोई बनाने, सूत कातने में सबसे ज्यादा होशियार है या तुम्हें अगर पसन्द हो तो मेरी सबसे छोटी बेटी को भी अपना सकते हो।’

    इसके बाद उस बेटी का मार्मिक प्रसंग आता है। वह ऐसे है- वह छोटी बेटी नहीं रही। मर गई और मरने से पहले वह बड़बड़ा रही थी- ‘मै दूसरों के क्रोध का का कारण नहीं बनना चाहती। क्रोधित हो वो कहेंगे इसी के कारण अब हमारे पास कोई किस्सागो नही है।’ यानि किस्सागो होने की जरुरत का अतिरेक दिखाई देता है।

    ऐसी ही घटनाएं हैं इस उपन्यास में। यह अद्भुत और पठनीय होने के साथ-साथ जीवन को प्रस्तुत करता है। वर्ष 2010 के नोबल पुरुस्कार विजेता इस लेखक का यह सर्वश्रेष्ठ उपन्यास है। राजकमल प्रकाशन से छपा यह उपन्यास महत्वपूर्ण पुस्तक  परिचय के लिए इसीलिए चुना है।

    उपन्यास- किस्सागो
    लेखक- मारियो वार्गास ल्योसा
    हिंदी अनुवाद- शंपा शाह
    प्रकाशन- राजकमल

    https://www.bolpahadi.in/2020/04/blog-post-introduction-mario-vargas-lyosa-novel.html

    (पुस्तक परिचय के लेखक डॉ. अतुल शर्म जाने माने जनकवि व साहित्यकार हैं।)

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