28 March, 2013

सांसू त् भ्‍वोर

बिसगणि बिसैकि सै
उकळी जैलि उकाळ
एक न एक दिन
सांसू त् भ्‍वोर

जाग मा च मयेड़
बैठीं देळी मा अब्बि तलक
बर्सूं बाद- सै
पछणे जैलि धार मा ई
सांसू त् भ्‍वोर

धारा मंगरा पगळी जाला
डांडा कांठा मौळी जाला
बौडी जाला भाग-
फेर, देर-सबेर
सांसू त् भ्‍वोर

सर्वाधिकार- धनेश कोठारी

Popular Posts

Blog Archive

Our YouTube Channel

Subscribe Our YouTube Channel BOL PAHADi For Songs, Poem & Local issues

Subscribe