उंद बगदी गंगा ~ BOL PAHADI

11 June, 2012

उंद बगदी गंगा

आखिरकार हेमवतीनंदन भट्ट 'हेमू' कि कविता पोथी 'उंद बगदी गंगा' करीब तीन बर्स क बाद सैंदिष्टा ह्वेगि। यांचै पैलि हेमू का कथगि गीत ऑडियो, कविता आगाशवाणी मा सुणेंदी छै, अब कविता अर सामयिक गीतूं का आखर पढ़न्न कू बि मिली जाला। पोथी कि प्रस्ता वना जुगराज भीष्म कुकरेती जी, वरिष्ठ साहित्यढकार मोहनलाल बाबूलकर, डॉ. जगदीश प्रसाद 'जग्गू ' नौडियाल, वरिष्ठक कवि गीतकार, अभिनेता मदनमोहन डुकलान, संस्कृातिकर्मी डॉ. दाताराम पुरोहित अर स्व यं मेरा द्ववारा लेखिं च। पोथी कू प्रकाशन समय साक्ष्यक 15 फालतू लाइन देहरादून बटि ह्वे। किताब मा कुल 48 कविता छन। कीमत च कुल कुलांग 100 रुपया। 

किताब खुणि आप समय साक्ष्य्, हेमू या फेर मि से संपर्क करि सकदां
 

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